किश्तवाड़ में आज से शुरू हो रही है श्री मचैल माता यात्रा, 43 दिन तक चलेगी

श्रीनगर
आज यानी 25 जुलाई (गुरुवार) से जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मचैल माता की यात्रा से शुरू हो रही है। यह यात्रा 43 दिनों की होगी। इस यात्रा के लिए मंदिर प्रशासन समेत पुलिस प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। जानकारी के लिए बता दें कि मचैल-पड़प मार्ग के चशोती तक सड़क बनने के बाद यह कठिन यात्रा तीन घंटे कम हो गई है।

तीर्थयात्रियों के लिए प्रशासन व्यवस्था एकदम चौकन्नी हो गई है। वहीं सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन भी सक्रिय नजर आ रही है। इसके साथ ही प्रशासन ने इस बार तीर्थयात्रियों के लिए कार्ड की सुविधा भी दी है।
किश्तवाड़ के उपायुक्त ने दी जानकारी

मैचल माता के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए किश्तवाड़ के उपायुक्त देवांश यादव ने कहा कि चशोती तक मचैल-पद्दार सड़क का निर्माण पूरा हो जाने से मंदिर तक की सात घंटे लंबी कठिन यात्रा पहले ही तीन घंटे कम हो गई है, जबकि विभिन्न स्थानों पर क्षमता बढ़ाकर पांच हजार तीर्थयात्री प्रतिदिन कर दी गई है।

इसके साथ ही तीर्थयात्रियों के सुविधा के बारे में जानकारी देते हुए देवांश यादव ने कहा कि इस वर्ष की यात्रा का मुख्य आकर्षण ऑनलाइन पंजीकरण और यात्रियों की सुरक्षा के लिए क्यूआर कोड आधारित विशेष तीर्थयात्री कार्ड की शुरुआत होगी। कई क्षेत्रों में चट्टानी इलाकों के कारण चशोती तक सड़क का निर्माण चुनौतीपूर्ण था। हालांकि, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अधिकारियों के समर्पित प्रयासों से यह संभव हो पाया है। इस सड़क के निर्माण से तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा का समय तीन घंटे कम हो गया है।
क्यों विख्यात है मंदिर

मचैल माता मंदिर की बात करें तो माता के दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों को पहले पद्दार घाटी में 9,705 फुट ऊंचे मंदिर तक पहुंचने के लिए छह-सात घंटे पैदल चलना पड़ता था। मंदिर नीलम की खदानों के लिए भी प्रसिद्ध है। जानकारी के लिए बता दें कि ये वहीं स्थान है जहां आधार शिविर गुलाबगढ़ और मंदिर के रास्ते में अन्य स्थानों पर यात्री निवास की क्षमता बढ़ाकर प्रतिदिन पांच हजार तीर्थयात्रियों को समायोजित किया गया है।

यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा

इसके साथ ही इस यात्रा को लेकर किश्तवाड़ के उपायुक्त देवांश यादव ने कहा कि वार्षिक तीर्थयात्रा की शुरुआत के साथ हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू हो जाएगी। मार्ग के किनारे सुविधाएं, लंगर व्यवस्था, मोबाइल कनेक्टिविटी, यातायात प्रबंधन, बिजली, पेयजल और चिकित्सा सुविधाओं का ध्यान रखा गया है तथा पारिस्थितिकी दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र की सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि मचैल माता यात्रा का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है तथा यह देश भर के श्रद्धालुओं के लिए एक तीर्थ स्थल है।
 

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button